
एक बड़ी खबर इस वक़्त मुंबई के नागपाड़ा थाने से आ रही हैं, नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के लिए 15 उलेमाओं (इस्लामिक विद्वानों) को महाराष्ट्र में शिवसेना की मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया हैं. यह लोग नमाज़ अदा करने के बाद मदनपुरा स्थित सुन्नी बादली मस्जिद से मुंबई के नागपाड़ा थाने की तरफ विरोध प्रदर्शन का माहौल बना रहे थे.
गिरफ्तारी के बाद इन 15 उलेमाओं (इस्लामिक विद्वानों) ने कहा हम तो खुद शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करते हुए मुंबई के नागपाड़ा थाने में विरोध प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी देने वाले थे. लेकिन पुलिस ने हमें मस्जिद से बाहर आते ही गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस को इस बात की पहले ही जानकारी थी की यह लोग विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं इसलिए विभिन्न थानों के दो सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी और राज्य की रिजर्व पुलिस फोर्स ने ब्रिगेट्स भी लगा दिए थे. लेकिन भीड़ देखते ही देखते बहुत ज्यादा बढ़ गयी और हालात ज्यादा खराब न हो इसलिए प्रदर्शन करने से पहले ही लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आईपीसी की धारा 188 के तहत नोटिस के तहत पुलिस ने सभी 15 उलेमाओं (इस्लामिक विद्वानों) को लगभग 150 मीटर की दूरी पर जाकर छोड़ दिया. पुलिस ने यह भी कहा की अगर प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह की हिंसा हुई तो उसकी जिम्मेदारी केवल और केवल आपकी होगी.

देश भर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर वामपंथी मीडिया और कुछ राजनेताओं द्वारा अफवाहें फैलाई गयी हैं, इन अफवाहों के कारण ही देश भर में माहौल बिगड़ गया जिसे अब पुलिस और सरकार दोनों शांत करने में लगी हैं. अब देखना यह भी होगा की शिवसेना सरकार की पुलिस द्वारा की गयी इस कार्यवाही को लेकर क्या कांग्रेस और एनसीपी अपनी कोई प्रतक्रिया देती हैं. या फिर राजनीतीक कारणों के चलते चुप रहती हैं.