
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने असदुद्दीन ओवैसी जैसे तमाम मुस्लिम परस्त पार्टियों के नेताओं के मुंह पर करारा तमाचा मार दिया हैं. यह लोग भारतीय मुसलमानों को भड़काने का लगातार प्रयास कर रहे थे.
इसी बीच जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने ब्यान देते हुए कहा की नागरिकता संशोधन विधेयक का देश में रह रहे किसी भी मुस्लिम से कोई लेना देना नहीं हैं. फिर भी अगर प्रदर्शन करना है तो शांतिपूर्वक करें.
मंगलवार को सैयद अहमद बुखारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है की, “विरोध प्रदर्शन करना भारत के हर नागरिक का अधिकार है, कोई भी हमें यह करने से रोक नहीं सकता है. लेकिन यह सबकुछ नियंत्रण में होना चाहिए. किसी प्रदर्शऩ की सबसे अहम बात यह होनी चाहिए कि हमें अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए. हमें सीमाओं को नहीं लांघना चाहिए.”
इसके बाद सैयद अहमद बुखारी ने कहा की, “नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के बीच अंतर है. एक नागरिकता संशोधन अधिनियम है जो एक कानून बन गया है, और दूसरा राष्ट्रिय नागरिक रजिस्टर है जिसे केवल घोषित किया गया है, यह एक कानून नहीं है.”
फिर उन्होंने मुस्लिम परस्त पार्टियों द्वारा गुमराह किये और भड़काए हुए मुसलमानों को सन्देश दिया की, “नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी. इसका भारत में रहने वाले मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है.”

अब देखना यह होगा की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की यह बात किन मुसलमानों को समझ में आती हैं. या फिर वो आज़ाद भारत के जिन्ना यानी ओवैसी की बातों में आकर अपने ही देश की संपति का नुक्सान करते रहेंगे. जिसको दुबारा से दुरस्त करने के लिए सरकार इनके ही टैक्स के पैसे का इस्तेमाल करेगी.