
आशीष तिवारी एक ऐसा आईपीएस जिसने अयोध्या जिले में अपनी तैनाती के बाद एक ऐसे इंसान को पकड़ा जिसने न सिर्फ भगवा कपडे पहने थे, बल्कि एक साधु का भेष धारण किया हुआ था. जब नाम पता चला तो आईपीएस अधिकारी भी चकित रह गया, इस इंसान का नाम था गुलाम मोहम्मद.
गुलाम मोहम्मद कोई आम साधु के भेष में रहने वाला इंसान नहीं था, बल्कि साधुवों को बदनाम करने के मकसद से वह अब तक दो बच्चियों का अपहरण भी कर चूका था. अयोध्या के बीकापुर क्षेत्र में खजुरहट बाज़ार में रहने वाला गुलाम मोहम्मद का असली नाम उसके परिवार के इलावा किसी को नहीं पता था.
गुलाम मोहम्मद अपने इलाके से 25 किलोमीटर दूर जाकर सब्ज़ी का ठेला भी लगाता था, वहां यह अपना नाम सबको गुलाम मोहम्मद ही बताता था. एक दिन अचानक गुलाम मोहम्मद के ठेले के पास से 9 साल और 12 साल की उम्र की दो बच्चियां गायब हो गयी.
पहले तो आनन-फानन में बच्चियों के परिजनों ने ही उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश की, जब बात नहीं बनी तो लड़कियों के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज़ करवाई. पुलिस ने सतर्कता की ऐसी मिसाल पेश की है की दोनों बच्चियों को न सिर्फ ढूंढ निकाला बल्कि गुलाम मोहम्मद का भी राज़ खोल दिया.
मात्र तस्वीर के आधार पर पुरे शहर में बच्चियों को ढून्ढ निकालना भूसे के ठेर में से सुई ढूंढ़ने के बराबर था. लेकिन अयोध्या की पुलिस ने 10 घंटों के भीतर यह काम करके दिखा दिया. दोनों बच्चियों को घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर ढून्ढ निकाला.

अभियान के मुखिया IPS आशीष तिवारी और SSP अयोध्या को माना जा रहा हैं, अगर इन दोनों ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए तुरंत कार्यवाही न की होती तो शायद कल सुबह तक हमें हैदराबाद जैसी एक और खबर देखने को मिलती. उसके बाद अगर CCTV फुटेज निकाले जाते तो वहां केवल भगवा वस्त्रों में एक इंसान दो बच्चियों को ले जाता दिखाई देता.
फिलहाल यह साफ़ नहीं हो पाया अपराधी का मकसद सिर्फ साधु समाज को बदनाम करने का था या फिर इसका मामला बाबरी मस्जिद से जुड़ा हैं. फिलहाल आरोपी पुलिस के पास है और वो सच का पता लगाने में जुटी हुई हैं.