उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के बरेली (Bareily) में एक शिक्षा मित्र पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के तहत केस दर्ज हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी स्कूल में बच्चों से मोहम्मद इकबाल की ‘लब पे आती है दुआ’ कविता पढ़वाई। सुबह के सत्र में यह कविता पढ़वाने को लेकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और फिर पद से हटा भी दिया गया। शुक्रवार को वजीरुद्दीन को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो दिन पहले बरेली की फरीदपुर पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन्हें राज्य शिक्षा विभाग ने यह कहते हुए हटा दिया था कि वह छात्रों को प्रार्थना पढ़वाने के दोषी पाए गए, जो कि सरकारी स्कूलों में कराना शामिल नहीं है। जब यह कथित घटना हुई तब प्रिंसिपल छुट्टी पर थीं और जांच में पाई गई चीजों के आधार पर उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।

इस वजह से हुई कार्रवाई!
बरेली (Bareily) के बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार के मुताबिक इस मामले में बच्चों को नज्म गाने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद कार्रवाई हुई। विश्व हिंदू परिषद के नगर अध्यक्ष सोमपाल राठौर ने बताया कि शिक्षा बजरुद्दीन और प्रिसिंपल नायक सिद्दीकी कई महीनों से अन्य समुदाय की प्रार्थना बच्चों से करवा रहे थे।आरोप था कि इकबाल की कविता छात्रों से पढ़वाकर बच्चों को धर्मांतरण कराने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की जा रही थी। बच्चों ने अभिभावकों से इसकी शिकायत की थी। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रार्थना कर रहे बच्चों का विडियो बना लिया था।
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Bareily की है घटना!
सरकारी स्कूल के उर्दू विभाग के शिक्षक 49 वर्षीय मोहम्मद वजीरुद्दीन को स्कूल से ही गिरफ्तार किया गया। बच्चों के सामने उन्हें पुलिस ले गई। इस मामले में हेडमास्टर पर कार्रवाई नहीं हुई है, क्योंकि शिकायत दर्ज किए जाने के दिन वे मेडिकल लीव पर थीं। शिकायत में दावा किया गया है कि मॉर्निंग प्रेयर के दौरान बच्चों से अल्लामा इकबाल की कविता का पाठ कराया गया। इस मामले में आईपीसी की धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को भड़काने) और धारा 153 (गंगा जैसी स्थिति को पैदा करने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।