Babri Masjid Demolition: बाबरी मस्जिद विध्वंस आज 30 साल में है, मंदिर का निर्माण कार्य पहले से ही जोरों पर है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को हरी झंडी दिखाने के बाद माना जा रहा है कि मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा और 2024 तक भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी ली है। राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने कई मौकों पर मंदिर की सीजीआई छवियों को जारी किया है।
जय श्री राम के साथ कर सेवकों ने किया था कूच!
Babri Masjid Demolition: आपको बता दें की विवादित ढांचे या बाबरी मस्जिद को गिराने की तैयारी पहले से ही की जा रही थी। इसकी पुष्टि 2009 में गठित लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट भी करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, 5 दिसंबर 1992 की सुबह इसके लिए अभ्यास किया गया था। अभ्यास से जुड़ीं कुछ तस्वीरें आयोग के सामने पेश की गईं थीं। एक दिन पहले की गहमा-गहमी के बाद 6 दिसंबर 1992 की सुबह भीड़ ‘जय श्रीराम’, ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’, ‘एक धक्का और दो…’ जैसे नारे हर तरफ गूंज रहे थे। विवादित ढांचे से करीब 200 मीटर की दूरी पर बने स्टेज पर कई नेता, साधु-संत बैठे थे। इस मंच पर लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कलराज मिश्र, रामचंद्र परमहंस और अशोक सिंहल मौजूद थे।
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Babri Masjid Demolition: ऐसे ढहाया गया ढांचा!
देखते ही देखते अचानक कारसेवकों की भीड़ नारे लगाते हुए विवादित स्थल में घुस गई। इसके बाद हर तरफ हंगामा और उपद्रव शुरू हो गया। भीड़ विवादित ढांचे के ऊपर चढ़ गई। थोड़ी ही देर में गुंबदों के चारो ओर काफी लोग चढ़ गए थे। उनके हाथों में कुदाल, छैनी-हथौड़ा थीं, जिनसे उन्होंने ढांचे को गिराना शुरू कर दिया. इस दौरान भीड़ कुदाल-फावड़े के साथ विवादित ढांचे की ओर बढ़ती जा रही थी। उन्हें रोकने की काफी कोशिश की गई। बताया जाता है कि इस दौरान संघ के कार्यकर्ताओं के साथ उन्मादी भीड़ की छीना-झपटी भी हुई, लेकिन वे उन्हें नहीं रोक पाए। कुछ देर में देखते ही देखते विवादित ढांचा ढहा दिया गया।