
रेप इन इंडिया वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के ब्यान पर भारतीय जनता पार्टी ने जमकर घेरने की कोशिश की. राहुल गाँधी ने अपनी अकड़ के चलते ‘भारत बचाओ रैली’ में जाकर ब्यान दे दिया की, “मेरे नाम के आगे सावरकर नहीं लगा है, जो मैं माफ़ी मांगूगा.”
बस फिर क्या था राहुल गाँधी ने अपने एक ब्यान को बचाने के बदले एक नए विवाद को जन्म दे दिया और यह विवाद पहले विवाद से बड़ा बनाने में बीजेपी को जरा सी भी देर नहीं लगी. जमकर राहुल गाँधी के ब्यान का विरोध हुआ, जिसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते है की बीजेपी के लगभग हर एक नेता ने राहुल गाँधी के इस ब्यान पर अपनी टिप्पणी की.
थोड़ी देर बाद शिवसेना के विधायकों की तरफ से भी हलचल शुरू होने लगी नतीजा खुद संजय राउत और उद्धव ठाकरे को इस ब्यान की निंदा करनी पड़ी. सावरकर को दिए इस ब्यान पर खुद वीर सावरकर के पोते ने भी राहुल गाँधी को इतिहास पढ़ने की नसीहत दे डाली.
बात मीडिया में थी तो लगभग 100 केसों में फसे हुए समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान से भी मीडिया ने इस बारे में सवाल पूछ लिया. राहुल गाँधी के इस ब्यान पर बोलते हुए आज़म खान ने कहा की, “विरोध करने में जिनका फायदा होगा विरोध करेंगे, स्पोर्ट करने में जिनका फायदा होगा स्पोर्ट करेंगे”. जब मीडिया कर्मी ने उनसे पूछा की उनके ब्यान से आपको क्या लगता है? तो इसपर आज़म खान ने कहा, “अरे हमें तो अपनी जान बचाना मुश्किल पड़ रही हैं, हमें किसी के ब्यान से क्या लेना देना.”