
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर देश में बैठे कुछ लोग इसका विरोध कर रहें हैं, विरोध करने वाले भी तीन तरह के लोग हैं. पहले हैं जिनको डर है की अब मुसलमानों को देश से बाहर निकाल दिया जाएगा, दूसरे वो लोग हैं जो कह रहें हैं की मुसलमानों का नाम भी इस बिल में ऐड करो और तीसरे वो लोग हैं जो बोल रहें है किसी को भी भारत की नागरिकता न दो.
ऐसे में देश के कई हिस्सो में प्रदर्शन चल रहा हैं, वहीं टीवी जगत और बॉलीवुड जगत के लोग भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर दे रहें हैं. टीवी पर आपको दो तरह के पत्रकार देखने को मिलेंगे पहले जो इस बिल के केवल फायदे बताएंगे, दूसरे वो जो केवल नुक्सान.
ऐसे में एक पत्रकार ने इस बिल के विरोध में अपना अवार्ड वापिस कर दिया हैं, जाहिर हैं अवार्ड के साथ मिली धनराशि को वापिस नहीं किया गया. अवार्ड वापिस करने वाले पत्रकार का नाम शिरीन दलवी है और यह अवधनामा की संपादक रह चुकी हैं.
आपको बता दें की 2011 में राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पत्रकार शिरीन दलवी ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करते हुए इस पुरूस्कार को वापिस लौटाया हैं. आपको जानकार हैरानी होगी की 2015 में चार्ली हेब्दो के विवादास्पद कार्टून को अपनी अखबार में छापने के चलते इन्हे गिरफ्तार कर लिया गया था.

अपना अवार्ड वापिस करने की घोषणा करते हुए शिरीन दलवी लिखती हैं की, “मुझे बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के नागरिकता संशोधन बिल के पास कराए जाने की खबर से दुख हुआ है. नागरिकता संशोधन बिल के जरिए हमारे संविधान और धर्मनिरपेक्षता पर हमला किया गया है और इस अमानवीय कानून के विरोध में मैं अपना राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस कर रही हूं.”