
देश की राजधानी राजनितिक गिद्धों की वजह से दंगों की चपेट में आ गयी थी. नागरिकता संशोधन कानून जिससे किसी भी भारतीय का कोई लेना देना नहीं था, उस कानून को लेकर अफवाह उड़ाई गयी की इससे मुसलमानों की नागरिकता छीन जायेगी.
कुछ लोग तो अनपढ़ थे, जिनके समझ में यह कानून आना मुमकिन नहीं था. लेकिन कुछ लोग लालची भी थे, जिन्होंने पैसों और बिरयानी के लालच में अपने घर की बहु बेटियों शाहीन बाग़ पर दरी डालकर बैठने पर मजबूर कर दिया गया.
ऐसे में दिल्ली को जगह-जगह से ब्लॉक करना शुरू किया गया, नतीजा नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के झड़प हो गयी. इसी बीच आम आदमी विधायक के घर के ठीक सामने बने नाले में देश के ख़ुफ़िया विभाग के अफसर की लाश बरामद हुई.
ख़ुफ़िया विभाग का यह अफसर अंकित, आम आदमी पार्टी के विधायक तारिक हुसैन के घर के पास ही रहता था, दंगों के दौरान वह घर से बाहर जानकारी जुटाने के लिए गए थे, हालाँकि वह छुट्टी पर घर आये हुए थे. फिर कुछ घंटों बाद लोगों ने आकर उनकी माँ को बताया की बहनजी आपके लड़के की लाश नाले में पड़ी हैं.
अब इसपर सीधा-सीधा शक आम आदमी पार्टी के विधायक तारिक हुसैन पर ही जाता हैं, अंकित के घरवालों ने भी उसके खिलाफ ही मामला दर्ज़ करवाया हैं. अब आते हैं आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता अरविन्द केजरीवाल की तरफ, उन्होंने अंकित के परिवार को 1 करोड़ रूपए मुआवजा देने का ऐलान किया हैं, इसके साथ ही अंकित के परिवार में से किसी एक व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी देने का भी ऐलान कर दिया.
अंकित शर्मा IB के जाँबाज़ अधिकारी थे। दंगो में उनका नृशंस तरीक़े से क़त्ल कर दिया गया। देश को उन पर नाज़ है। दिल्ली सरकार ने तय किया है कि उनके परिवार को 1 करोड़ की सम्मान राशि और उनके परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देंगे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 2, 2020
इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा हैं की, “अंकित शर्मा IB के जाँबाज़ अधिकारी थे. दंगो में उनका नृशंस तरीक़े से क़त्ल कर दिया गया. देश को उन पर नाज़ है. दिल्ली सरकार ने तय किया है कि उनके परिवार को 1 करोड़ की सम्मान राशि और उनके परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देंगे. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.”
हालाँकि लोगों ने केजरीवाल के इस फैसले पर अपनी-अपनी राय भी दी हैं…
दिवंगत अंकित शर्मा का पूरा परिवार एक थाने से लेकर दूसरे थाने तक FIR कराने की माँग करता रहा
लेकिन किसी थाने मे उनकी सुनवाई तक नही हुई,,
कौन है ये"ताहिर हुसैन"?
कोई राष्ट्रपति है?
कोई प्रधानमंत्री है?जो पूरा "केजरीवाल-गिरोह" और"पुलिस-प्रशासन"उसे बचाने मे जुटा हुआ है
— आरती मिश्रा (@aartimishra___) March 2, 2020
@ArvindKejriwal जी वो तो बाद कि बात है।
आपके ही MLA अमानती को पता होगा " ताहिर हुसैन" कहा है उसके पता दिल्ली पुलिस को दे दो।
अंकित शर्मा जी का हत्यारा "ताहिर हुसैन" आपकी ही पार्टी से चुना हुआ पार्षद है दिल्ली निगम में ।
बस उसको दिल्ली पुलिस के हवाले करवा दो।@ashokshrivasta6— करन (@karan58818199) March 2, 2020
सर चढ़ाने का नतीजा है..
संविधान बचाओ के नाम पर प्रपोगंडा करने वालों की असलियत ये है…इनके सामने जितना झुकोगे ये उतना झुकाएंगें… pic.twitter.com/AqbnfyY61r— Vimal Pandey (@VimalPandey91) March 2, 2020
अंकित के पिता भी IB में काम कर रहे थे। IB में तो ये रूल्स पर पहले से ही है कि परिवार के किसी एक सदस्य को IB में नौकरी मिलती है।तू नौकरी देकर कोई एहसान नहीं कर दिया।
— कांस्टेबल सपना *TPN* (Support CAA) (@sapana12342) March 2, 2020