
आपको बता दें की देश के गृहमंत्री अमित शाह जी ने पश्चमी बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के नए बने दफ्तर का उद्घाटन किया हैं. इस उद्घाटन के दौरान उन्होंने देशद्रोह करने वाले, आतंक मचाने वाले, दंगा करने वाले, हिंसक प्रदर्शन करने वालों को सख्त चेतावनी भी दी हैं.
अमित शाह ने अपने बयान में कहा हैं की, “हम दुनिया में शांति चाहते हैं और यदि हम पर (भारत) हमला हुआ तो घर में घुसकर मारेंगे. जो लोग देश में “विभाजन” करना चाहते हैं और “शांति को बाधित करते हैं”, उन्हें एनएसजी से डरना चाहिए. देश बांटने वाले डरकर रहें.”
अमित शाह यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा की, “हम पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं. हमारे 10,000 वर्षों के इतिहास में भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. हम किसी को भी अपने देश की शांत प्रभावित नहीं करने देंगे और जो भी हमारे सैनिकों की जान लेगा, उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. अगर वे अभी भी आते हैं, तो उनसे लड़ना और हराना एनएसजी की जिम्मेदारी है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों को लेकर उन्होंने कहा की, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम आतंकवाद के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति का पालन कर रहे हैं और एनएसजी उसे सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रही है. पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत की विदेश नीति और रक्षा नीति में बड़ा बदलाव आया है, जो पहले कभी नहीं हुआ.”
भारत के वीर जवानों की बहादुरी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा की, “पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार निश्चित रूप से एनएसजी की सभी अपेक्षाओं को पूरा करेगी. हम इसे पांच साल की अवधि में पूरा करने की कोशिश करेंगे. हम आपको अच्छा आवास प्रदान कर सकते हैं, सरकार आपके परिवारों की जरूरतों का ध्यान रख सकती है, हम आपको आधुनिक उपकरण और तकनीक प्रदान कर सकते हैं, लेकिन युद्ध बहादुरी से जीते जाते हैं, उपकरण से नहीं. बहादुरी युद्ध जीतता है, उपकरणों के टुकड़े सिर्फ एक भूमिका निभाते हैं. उपकरण और तकनीक इस बहादुरी की जगह कभी नहीं ले सकते.”

आपको बता दें की जो कांग्रेस आज कहती है हमारे जमाने GDP ब्रह्माण्ड की सबसे अच्छी GDP थी और हमारे पास ब्रह्माण्ड के सबसे अच्छे अर्थशास्त्री थे (जो की अपनी पत्नी के घर किराए पर रहते और पत्नी उनसे 2 लाख रूपए महीना किराया लेती, जिसे सरकार चुकाती और उसी घर की बालकनी में रखे गमलों में उगाई गोबी 7cr में बेची जाती, उनकी इनकम टैक्स की रिपोर्ट में लिखा है). इसी तरह उसके उस वक़्त के रक्षा मंत्री मीडिया में बयान दिया करते थे की, “सरकार के पास इतने भी पैसे नहीं हैं की वह सेना के लिए एक बन्दूक खरीद सके.” यही कारण था की, आधुनिकीरण न होने के चलते मुंबई हमले में आतंकियों के पास AK-47 जैसे हथियार थे और पुलिस के पास दूसरे विश्व युद्ध वाली बंदूकें. अब मोदी सरकार का पूरा फोकस जवानों के हथियारों का आधुनिकीरण करने पर हैं.