
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह, अजमेर के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने ब्यान जारी किया हैं. उनका यह ब्यान देश में बैठे उन नेताओं को बुरा लग सकता हैं, जो लगातार इस हिंसा को बढ़ाने का काम कर रहे थे.
सैयद जैनुअल आबेदीन ने ब्यान जारी करते हुए मुस्लिम समाज को शांति बनाये रखने की अपील की हैं. उन्होंने कहा है की, “सरकार को कानून बनाने का अधिकार है और देश की जनता को उस का सम्मान करना चाहिए, लेकिन सरकार की भी यह जिम्मेदारी है कि जनभावनाओं का सम्मान करें और ऐसा कोई कानून ना लाएं जिससे जनभावनाएं आहत हो.”
उन्होंने आगे कहा की, “भारत सरकार ने जो नागरिक्ता संशोधन बिल पास करके जो क़ानून का रूप दिया है वो किसी भी तरह से इस देश के मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. इस कानून से भारत मे रहने वाले किसी भी मुसलमान को डरने की जरूरत नहीं है ना ही उन की नागरिकता को किसी भी प्रकार का ख़तरा है. देश में इस बिल को लेकर उपजे विवाद को और देश के मुस्लिमों में फैलाए जा रहे डर और भ्रम को दूर करने की आवश्यकता है.”
अपनी बात को विराम देते हुए दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने कहा की, “सब की भ्रांति और उन के डर को दूर करने के बाद ही इस बिल को लागू किया जाए. दया, मदद यदि धर्म के आधार पर होने लगेगी, तो दुनिया विनाश की ओर ही जाएगी. जामिया मिल्लिया में जो हुआ वह बहुत दुःख देने वाली घटना है. जामिया मिलिया के छात्र किसी भी परिस्थिति में कानून अपने हाथ में ना लें और देश की एकता अखंडता बनाए रखें.”
आपको बता दें की यह कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए बनाया एक कानून हैं. जिसका भारत में रहे रहे किसी भी मुस्लिम तो क्या किसी अन्य धर्म के लोगों का भी कोई लेना देना नहीं हैं.

हालाँकि एक भ्रान्ति यह भी फैलाई जा रही है की इस बिल के बाद वहां के मुसलमान नागरिकता नहीं ले सकेंगे, यह भी झूठ हैं, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मुसलमान भी भारत की नागरिकता ले सकते हैं. बस उन्हें वैथ कागज़ों और नियमों के साथ भारत आना होगा जैसे की पाकिस्तान के गायक अदनान सामी न की एक शरणार्थी या फिर घुसपैठिया बनकर भारत आएंगे और भारत की नागरिकता पाएंगे.