
महाराष्ट्र से अभी एक बड़ी खबर आने लगी है, सूत्रों की माने तो शरद पवार ने अजित पवार को ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने के लिए शर्त रख दी है. इससे पहले संजय राउत ने दावा किया था की अब पांच साल तक शिवसेना का ही मुख्यमंत्री रहेगा.
जब से अजित पवार एनसीपी में वापिस लौटे है तब से ही शरद पवार अजित पवार पर मेहरबान नज़र आ रहें है. सुबह जब एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक से मीडिया ने पूछा था की, अब क्योंकि अजित पवार एनसीपी में वापिस लौट आये हैं तो क्या शरद पवार ने उन्हें माफ़ कर दिया है? इसपर नवाब मलिक ने ब्यान दिया था की अब क्योंकि अजित पवार ने शरद पवार से मुलाकात करके माफ़ी मांग ली है, इसलिए शरद पवार ने उन्हें दिल से माफ़ कर दिया है.
सूत्रों से पता चला है शरद पवार खुद अजित पवार को वापिस महाराष्ट्र के नेता दल की उपाधि देना चाहते हैं. इसके लिए पूरी तयारी की जा चुकी है, बस आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है. लेकिन अभी सबसे बड़ी खबर यही है की शरद पवार ने अजित पवार को ढाई साल का मुख्यमंत्री बनाने के लिए शर्त रख दी हैं.
आपको बता दें की आज एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस बैठकर मंत्री मंडल की रूप रेखा त्यार करेगी. एनसीपी प्रमुख नेता शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस से अहमद पटेल तीनों मिलकर इस बात पर निष्कर्ष निकालेंगे की किस पार्टी को कौनसा मंत्री मंडल कितने साल के लिए मिलेगा.
सूत्रों की माने तो इसी मीटिंग में शरद पवार ढाई साल के मुख्यमंत्री की बात को उठा सकते हैं. गुरुवार को होने जा रहे शपथ समारोह के दौरान अजित पवार को फिर से शरद पवार द्वारा विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है.
कुछ राजनितिक विषेशज्ञों का मानना है की अगर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना राज्यपाल के पास खुद सरकार बनाने के लिए जाते तो राज्य से राष्ट्रपति शासन हटने में 2-3 महीने या उससे ज्यादा का समय लग सकता था.

इस लिए शरद पवार ने अजित पवार को इस्तेमाल करते हुए बीजेपी की सरकार बनवा दी. जिस वजह से रातों-रात राज्य से राष्ट्रपति शासन हट गया. जिससे एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के लिए सरकार बनाने का रास्ता पूरी तरह से साफ़ हो गया.