
देश में जरा-जरा सी बात पर मुस्लिम नेता 800 साल राज़ करने की बात भारतवासियों को सुनाना शुरू कर देते हैं. बिना यह सोचे समझे की अगर 800 साल के ज़ुल्मों का हिसाब 100 करोड़ की जनसँख्या ने माँगना शुरू कर दिया तो भारत को म्यांमार बनते देर ही कितनी लगेगी?
उधर बात करें जय मीम और जय भीम का नारा देने तथाकथित दलितों के रक्षकों की तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेता का वह बयान जिसमे उसने कहा था की, 15 करोड़ मुसलमान 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे. इस बयान को अगर कोई ध्यान से सुने तो उसने सीधा-सीधा 100 करोड़ हिन्दुवों को चेतावनी दी थी न की किसी धर्म के विशेष वर्ग को.
खैर इसी पर अब डॉक्टर रिज़वान अहमद ने एक वीडियो जारी करते हुए मुस्लिम नेताओं को चेतवानी दे डाली हैं. उन्होंने अपने इस वीडियो में कहा हैं की, “2020 में जो तू 800 साल याद दिला रहा हैं, यह तेरे अंदर का ज़हर दिखता है और उस हिन्दू को इस तरह से न उठा और न जगा इस तरह से. अभी तो मुठी भर जागे है तो यह हाल हो गया हैं. 30-35 परसेंट वो भी संविधानिक दृष्टि से, डेमोक्रेटिक दृष्टि से, वोट की दृष्टि से, कही खोपड़ी सटक गयी हिन्दू की और 50 परसेंट गलत दृष्टि से जाग गया. तीसरी आँख खुल गयी, तो जगह नहीं मिलेगी, छुपने की जगह, इस देश में इतिहास बन जायेगा मुसलमान, समझा.”
उनकी यह चेतावनी उन मुस्लिम नेताओं और मौलवियों को लेकर थी जो बार-बार हिन्दुवों को भड़काने की कोशिश में लगे हुए है. जिससे गृह युद्ध छिड़ जाये और विपक्ष को अपनी राजनीती चमकाने का मौका मिल जाये. लेकिन यह नेता यह भूल रहे हैं की अगर पूरा देश धर्म के आधार पर गृह युद्ध पर उतर आया तो देश में जान-माल की कितनी हानि होगी.
पहले ही पूरा देश कमजोर न्याय प्रणाली से परेशान हैं, जहाँ बलात्कारियों गुनाहों की सज़ा नहीं मिल रही. रोहिंग्या मुसलमान जिन्होंने म्यांमार में इतना आतंक मचाया की वहां के बोध भिक्षुवों को हथियार उठाने पड़े, उन्हें भारत में शरण देने के लिए मुस्लिम समाज खड़ा हैं, बांग्लादेशी मुसलमानों को भी यह नागरिकता दिलवाना चाहते है, अब यह पाकिस्तानी मुसलमानों को नागरिकता दिलवाने के लिए धरने पर बैठे हैं. इन सब बवालों के बीच हिन्दुवों को 800 साल की गुलामी याद दिलाकर उन्हें दंगा करने के लिए उकसाना कितना घातक हो सकता हैं, इसी पर डॉक्टर रिज़वान अहमद ने अपना वीडियो बनाया हैं.