
जैसा की हम सब जानते हैं, 27 नवंबर की देर रात डॉक्टर प्रियंका रेड्डी अपने घर आ रही थी. तभी उनकी स्कूटी रास्ते में पंचर हो गयी. चार युवकों ने उन्हें पंचर लगाने के लिए मदद की पेशकश की और कहा की हमें नजदीकी पंचर की दूकान पता हैं.
प्रियंका रेड्डी ने मदद स्वीकार की और उन लड़को के साथ चल पड़ी कुछ दूर जाते ही सुनसान रास्ता शुरू हो गया और आस पास बहुत सारे खाली ट्रक मजूद थे. प्रियंका रेड्डी ने अपनी बहन को फ़ोन किया और बोली मेरी स्कूटी रास्ते में पंचर हो गयी थी. चार लड़के मेरी मदद कर रहें हैं, लेकिन इस वक़्त मैं कहाँ पर हूँ पता नहीं चल रहा रास्ता सुनसान हैं. घर आने में समय लग सकता हैं.
फिर लगभग 20 मिनट के बाद प्रियंका रेड्डी की बहन ने दुबारा फ़ोन किया और फ़ोन स्विच ऑफ था. उसके बाद अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया, सुबह तक सभी आरोपी पकडे गए और 4 दिसंबर को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट भी बना दी गयी.
5 दिसंबर की रात को सीन रिक्रिएट करने के लिए पुलिस उन्हें उसी जगह पर लेकर गयी जहां इन दरिंदों ने उसे जला दिया था. रात के अँधेरे का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने पुलिस से हथियार छीन लिए. जिसके बाद अन्य पुलिस वालों ने भी गोलियां चला दी और चारों आरोपी पुलिस ने अपनी आत्मरक्षा के दौरान मार गिराए.
हैदराबाद की उस बेटी के पिता को सुनिए। encounter के बाद क्या प्रतिक्रिया है। https://t.co/WZAnSUO1WU
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) December 6, 2019
इसके बाद प्रियंका रेड्डी के पिता जी से मीडिया बातचीत करने पहुंची और प्रियंका रेड्डी के पिता जी ने कहा की. “हमारी बच्ची मर के आज 10 दिन हो गए हैं. 10 के अंदर पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया. मैं उसके लिए तेलंगाना सरकार, पुलिस और जो लोग मेरे साथ थे. मैं उनको बधाई देते हूँ. मेरी बच्ची की आत्मा को शांति मिलेगी.”
लेकिन इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा बेशर्मी वह पत्रकार और नेता दिखा रहें हैं, जो बलात्कारियों का समर्थन करते हुए पुलिस पर सवाल उठा रहें हैं. अगर ऐसे नेता आपके दरवाज़े पर कभी वोट मांगने आए तो उनसे एक सवाल जरूर पूछिएगा भगवान न करें अगर उस दिन प्रियंका रेड्डी की जगह आपकी बहन या बेटी होती तो आप फिर भी इस तरह से पुलिस पर सवाल उठाते?