
बॉलीवुड के जाने-माने अदाकार जिनको आपने कई वेब सीरीज और फिल्मों में देखा होगा वह भी अब नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए लोगों को पढ़ने लिखने और अपने करियर पर ध्यान देने की बात की, लेकिन उनको ऐसा पोस्ट क्यों करना पड़ा आईये पहले यह जानते हैं.
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जगह-जगह राजनेता अपने समर्थकों को लेकर रैलियां निकाल रहें हैं. जैसे ही भीड़ उग्र होती है पुलिस की मार से बचने के लिए खुद निकल जाते हैं और पीटने के लिए अपने समर्थकों को वहीं छोड़ जाते हैं.
कल बिहार में आरजेडी की रैली हुई जब पत्रकारों ने प्रदर्शन करने आये लोगों से सवाल किया की आप रैली में क्यों आएं है तो किसी एक इंसान के पास भी इस बात का सही जवाब नहीं था. किसी ने कहा प्याज महंगा हैं, किसी ने कहा लहसुन महंगा हैं, किसी ने कहा लालू यादव की रिहाई के लिए, किसी ने कहा CAA से महंगाई बढ़ जाएगी आदि.
जिससे यह तो साफ़ था की इन सबको रैली में किसी चीज का लालच देकर या फिर इनको बहला-फुसलाकर रैली में शामिल किया गया हैं. यह हाल सिर्फ छोटे में समर्थकों का नहीं बल्कि बॉलीवुड की जानी मानी हस्तियों का भी था, जब मुंबई में प्रोटेस्ट कर रहें फरहान अख्तर से सवाल किया गया की आप प्रोटेस्ट किस बात को लेकर कर रहें हैं तो उन्होंने कहा की, विपक्षी दल किसी बात को लेकर प्रोटेस्ट कर रहें हैं इसलिए मैं भी उनका समर्थन कर रहा हूँ.
मतलब, CAA बिल क्या हैं? इससे देश के मुसलमानो का कोई लेना देना हैं या नहीं? इस बिल का जिक्र खुद जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गाँधी, भीमराव आंबेडकर और मनमोहन सिंह ने क्यों किया था. ऐसी बातों से किसी को कोई लेना देना ही नहीं हैं, बस हमारे नेता ने कहा है की विरोध करना है तो करना हैं.
इस बिल को लेकर सबसे बड़ा झूठ यह बोला जा रहा है की, इससे मुस्लिम धर्म के लोगों को नागरिकता नहीं मिलेगी जबकि यह एक सफेद झूठ हैं, इस देश में मुस्लिम धर्म के लोगों को भी नागरिकता मिल सकती हैं, बस वो घुसपैठिया न हो. पाकिस्तानी गायक अदनान सामी की तरह कानूनी रूप से नियमों का पालन करके भारत आया हो.
इसी को लेकर अब पंकज त्रिपाठी जी ने पोस्ट किया हैं और नौजवानों को समझाने की कोशिश की है की आप अपनी पढ़ाई और अपने करियर पर ध्यान दो. अगर पढ़ाई नहीं कर सकते तो किसी खेल में इतना सामर्थ्य हासिल कर लो की देश के लिए मैडल जीत सको. इसी तरह से उन्होंने देश के नौजवानों को इस राजनितिक हिंसा के बीच रौशनी दिखाने की कोशिश की हैं.