
पश्चिम बंगाल के मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने मीडिया को ब्यान देते हुए बुधवार को कहा की, “मुझे वीजा से वंचित रखने के बाद गुरुवार से शुरू होने वाली अपनी छह दिवसीय बांग्लादेश यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा.”
आप सबको बता दें की सिद्दीकुल्ला चौधरी जमीयत-ए-उलमा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष भी हैं और उनका कहना हैं की व्यक्तिगत यात्रा होने के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार और विदेश मंत्रालय ने मुझे वीज़ा देने से इंकार कर दिया हैं.
खबर के आभार आते ही मीडिया के कुछ कर्मचारियों ने बांग्लादेश के एक वरिष्ठ डिप्टी कमीशन अधिकारी से बात करनी शुरू की और उन्होंने कहा की, कोलकाता में हमारे कार्यालय तक ही अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं पहुंची हैं इसलिए अभी यह नहीं कहा जा सकता की वीज़ा कैंसिल हो गया हैं.
कमीशन अधिकारी ने बताया है की, “हम कुछ मामलों में आवश्यक मंजूरी पाने के लिए ढाका के लिए वीज़ा आवेदनों को अग्रेषित करते हैं. ढाका से मंजूरी अभी तक हमारे कोलकाता कार्यालय तक नहीं पहुंची है. हमारा कार्यालय क्रिसमस के लिए बुधवार को बंद था.”
दिल्ली में मजूद विदेश मामलों के सलाहकार ने इस मामले पर अपना ब्यान देते हुए कहा की, “बांग्लादेश की सरकार इस मुद्दे पर सुरक्षित खेलना चाहती है और हो सकता है कि वह समर्थक या विरोधी सीएए की आवाज़ों की मेजबानी के संभावित नतीजों से सावधान रहें, जिन्हें बहुत अधिक स्पष्ट माना जा सकता है.”
वहीँ मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने यात्रा के सम्बंध में मीडिया से कहा है की, “एक चचेरा भाई, जो ढाका में रहता है, कैंसर से पीड़ित है. हाल ही में सिलहट में एक और रिश्तेदार का निधन हो गया. मुझे सिलहट में एक मदरसे के शताब्दी समारोह के लिए भी आमंत्रित किया गया था. मैं अपनी पत्नी, बेटी और अपनी पोती के साथ जाने वाला था. यहां सब कुछ बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमीशन को बताया गया था.”