14 Jamaats have been arrested from a Maulanas house in Meerut: दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज़ में तब्लीगी जमात में शामिल लोगों की तलाश यूपी के विभिन्न शहरों में स्थित मस्जिदों में जारी है। इसी क्रम में मेरठ में एक मौलाना के घर से 14 जमैती पकड़े गए हैं। ये जमा नेपाल, बिहार, दिल्ली और महाराष्ट्र से हैं। खुफिया इनपुट के बाद पुलिस ने इन सभी को पकड़ लिया है। दरअसल, मस्जिद पर छापे के बाद मौलाना ने उन्हें अपने घर में छिपा लिया। अब पुलिस आरोपी मौलाना के खिलाफ मामला लिखने की तैयारी कर रही है।
सभी को छोड़ दिया और नमूना जांच के लिए भेज दिया
निजामुद्दीन के मरकज में सैकड़ों जमाकर्ता मिलने के बाद, विभिन्न राज्यों की सरकारें अलर्ट मोड पर हैं। इस तबलीगी समूह में उत्तर प्रदेश के 19 जिलों के 57 लोगों ने भाग लिया। योगी सरकार ने सभी को मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया है। तब से, पुलिस और स्थानीय खुफिया इकाइयां सभी की तलाश में जगह-जगह छापे मार रही हैं। इस बीच, पुलिस को इनपुट मिला कि कुछ लोग मौलाना के यहाँ ठहरे हुए हैं। जिसके बाद छापेमारी कर उन्हें पकड़ा गया। पुलिस ने मौलाना के घर में 14 दिनों के लिए जमा राशि की मेडिकल जांच के बाद सभी को छोड़ दिया।
गौरतलब है कि जहां कोरोना वायरस ने देश-विदेश में हंगामा मचाया है, वहीं दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई जमात की घटना ने देश को हिलाकर रख दिया है। तेलंगाना के 6 लोगों में से 10 लोग, जो जमात से लौटे हैं, कोरोना वायरस के कारण मारे गए हैं। प्रोम पर पहुंचे बाकी लोग, इधर-उधर छिपने लगे हैं। जब पुलिस ने जांच की, तो महाराष्ट्र, नेपाल, बिहार और दिल्ली के 14 होर्डिंग्स भागापुर के काशी गांव में एक बंद घर में छिपे पाए गए। वह दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की सभा में शामिल थे। सूचना मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई और प्रतापपुर पुलिस डॉक्टर की टीम के पास पहुंची और सभी जमा का मेडिकल परीक्षण कराया और जांच के लिए नमूने भेजे।
दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाक़े के मरकज़ से निकाले गए हज़ार लोगों में से 24 कोरोना पोज़िटिव पाए गए हैं। इससे पहले यहाँ से निकले दस लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
अब भी समझिए कि कहीं भी भीड़ मत लगाइए – न धर्म के नाम पर, न राजनीति के, न सामाजिक न कुछ और। #SocialDistancing— Kadambini Sharma (@SharmaKadambini) March 31, 2020
गाँव में मिले सब टहलते हुए
जिसके बाद इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश मिश्रा ने एक ही घर में सभी 14 जमाकर्ताओं को 14 दिनों के लिए छोड़ दिया और उन सभी मकान मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी जिन्होंने उन सभी को छिपाया था। दूसरी ओर, सूत्रों की माने तो हम कई दिनों से काशी के गाँव में छिपे महाराष्ट्र, नेपाल, दिल्ली और बिहार के जमाती ग्रामीणों से भी मिलते हैं। ऐसी स्थिति में, यदि संचित कोरोना वायरस सकारात्मक है, तो पूरा गाँव कहर बरपा सकता है।